Saturday, 8 September 2012

विश्व साक्षरता दिवस

ज्ञान इंसान को जीवन के सभी अंधेरों से बाहर निकाल एक बेहतर और उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करता है. इतिहास इस बात का साक्षी रहा है कि जिस देश और सभ्यता ने ज्ञान को अपनाया है उसका विकास अभूतपूर्व गति से हुआ है. शिक्षा के महत्व का वर्णन करना शब्दों में बेहद मुश्किल है और शायद इसीलिए हर साल आठ सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है.

साक्षरता का अर्थ?

साक्षरता सिर्फ किताबी शिक्षा प्राप्त करने तक ही सीमित नहीं होती बल्कि साक्षरता का तात्पर्य लोगों में उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरुकता लाकर सामाजिक विकास का आधार बनाना है. साक्षरता गरीबी उन्मूलन, लिंग अनुपात सुधारने, भ्रष्टाचार और आतंकवाद से निपटने में सहायक और समर्थ है. आज विश्व में साक्षरता दर सुधरी जरूर है फिर भी शत-प्रतिशत से यह कोसों दूर है.

वैश्विक स्तर पर देखें तो हम पाएंगे कि दुनिया भर में करीब चार अरब लोग साक्षर हैं और 77.6 करोड़ लोग न्यूनतम साक्षरता दर से भी नीचे हैं. इसका मतलब यह है कि हर पांच में से एक व्यक्ति निरक्षर है. दुनिया के लगभग 35 देशों में साक्षरता दर 50 फीसदी से भी कम है.
भारत के संदर्भ में औसत साक्षरता दर और भी कम यानि 74% ही है. हालांकि नेपाल, पाकिस्तान जैसे हमारे पड़ोसी देशों में हालत हमसे भी खराब है पर विश्व में चीन जैसा भी देश है जिसके यहां साक्षरता दर 93.3% है.
यह वह संख्या और आंकडे हैं जो किताबों में हैं अगर हम जमीनी हकीकत देखें तो हालात और भी गंभीर नजर आएंगे. सुडान, अफगानिस्तान जैसे देश भी हैं जहां साक्षरता दर बेहद निम्न है.

विश्व में गिरती साक्षरता दर को सुधारने और इस क्षेत्र में अधिक काम करने के लिए ही संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO: United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization, यूनेस्को) द्वारा प्रतिवर्ष 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है.

यूनेस्को ने 17 सितंबर, 1965 को विश्व भर के लोगों को साक्षर बनाने के लक्ष्य हेतु प्रतिवर्ष 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की घोषणा की थी. सर्वप्रथम आठ सितंबर, 1966 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया था. तब से प्रत्येक वर्ष एक नए उद्देश्य के साथ विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है.

इस साल विश्व साक्षरता दिवस का थीम है “साक्षरता और शांति.” साक्षरता विश्व में शांति फैलाने में अहम भूमिका निभा सकता है. जब लोग साक्षर होंगे तो उनके पास रोजगार होंगे, रोजगार का अर्थ है आमदनी और खुशहाली. अगर खुशहाली होगी तो लोग आपस में लड़ेंगे नहीं. यूनेस्को ने इसी सोच के साथ “साक्षरता और शांति” को इस साल की थीम रखा है.

उम्मीद करते हैं जब अगले साल हम साक्षरता दिवस मनाएं तब कोई छोटू, मोनू या अन्य बच्चा शिक्षा से वंचित ना हो और समाज का एक बड़ा हिस्सा साक्षर कहलाए! 

                                                                                                                    
अभितेष श्याम वर्मा 

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